Tax rules on Dearness Allowance: क्या है मंहगाई भत्ते पर टैक्स नियम, आइये जानते हैं

जैसा की आप सभी जानते है की देश में महंगाई अपने चरम पर है, लेकिन आज हम बात करते है महंगाई भत्ते के बारे में , आपको बता दें की महंगाई भत्ता पूरी तरह से टैक्सेबल है. Dearness Allowance उन लोगों के लिए है जो किसी भी व्यक्ति के लिए पूरी तरह से कर मुक्त है और जो भी वेतनभोगी है उनके लिए सभी चीजों का उल्लेख करना बहुत ही जरूरी है. 

हमारे देश के आयकर विभाग के अनुसार आईआरटी फाइल करने के लिए महंगाई भत्ते के घटक का होना आवश्यक है , जिसका हम उल्लेख भी कर सकते है.

क्या होता है  Dearness allowance आइये जानते है,  वहीं मंहगाई को कम करने के लिए Dearness allowance दिया जाता है जो  कर्मचारियों के दिया जाता है. जानकारी के लिए बता दें की सार्वजनिक क्षेत्रों के कर्मचारियों को केन्द्र सरकार के द्वारा भत्ता दिया जाता है,  जिसके माध्यम से सूचकांक की गति की लागत होती है. 

जिसके माध्यम से मूल वेतन की गणना के अनुसार किसी एक व निश्चित प्रतिशत के रुप में इसकी तुलना की जाती है और साथ ही इसे परखा भी जाता है. इस योजना की सबसे जरुरी बात ये है की महंगाई भत्ता केन्द्रिय सरकारी कर्मचारियों के पूरे वेतन का एक हिस्सा भी होता है जो अति आवश्यक है. 

क्या है Dearness Allowance Calculation

Dearness Allowance Calculation के अनुसार Dearness allowance सिर्फ और सिर्फ इसकी गणना कर्मचारी के वेतन आधार पर ही की जाती है. जानकारी के लिए बता दें की इस महंगाई भत्ते की गणना साल में दो बार मतलब जनवरी एवं जुलाई में की जाती है. 

क्योंकि यह एक कर्मचारियों के लिए एक विशेष वित्तीय साल के आधार पर बढ़ती कीमतों के आधार पर कर्मचारियों को सुरक्षा के ही भत्ता दिया जाता है और ये सब केन्द्र  सरकार ने ही सुनिश्ति किया है, जिसके आधार पर भत्ता कर्मचारियों को साल में 2 बार भत्ता उपल्बध कराया जायेगा जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारी इसका फायदा लें सकें. 

जानकारी के लिए बता दें की सरकार के द्वारा इसकी पेशकश  की जाती है. लेकिन अब मोदी सरकार ने साल 2006 में केलकुलेटिंग डियरनेस अलाउंस के अब अपना फार्मूला बदल दिया गया है. महंगाई भत्ते की गणना दो तरिके  से की जाती है- 

  • पहला  केन्द्रिय सरकारी कर्मचारियों  के लिए
  • और दुसरा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 

वहीं सरकारी कर्मचारियों के वेतन में लगातार बढ़ोतरी हो इसके लिए Dearness allowance की गणना मुद्रास्फीति के रुप में की जाती है , ताकि कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी भी होती रहे और साथ ही वेतन बढ़ने में मदद भी मिलती रहे. सभी कर्मचारी ग्रामीण, शहरी और आधे शहरी और आधे ग्रमिण क्षेत्रों के आधार पर ही की जाती है. व दोनों ही कर्मचारी एक दुसरे कर्मचारी से  हमेंशा अलग ही होती है. 

वहीं आयकर विभाग के 1961 अधिनियम के अंतर्गत यदि आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते है तो उस समय आपको महंगाई भत्ते के संबंधित सारी जानकारियों को के आधार पर कार्य करना अनिवार्य होगा और साथ ही इसके आधार पर ही सारी देयता जानकारी की घोषणा करना भी जरूरी है. 

क्या है मंहगाई भत्ते पर टैक्स नियम, आइये जानते हैं

गौरतलब है की ये महंगाई भत्ता अपने प्राप्त वेतन के साथ ही पूरी तरह से टैक्सेबल होती है और इस बात की जानकारी हम आपको पहले ही बता चुकें हैं. ये ऐसे लोगों के लिए है जो पूरी तरह से कर के योग्य है और साथ ही वे वेतनभोगी कर्मचारी भी हैं. 

हमारे देश के आयकर विभाग के अनुसार आईआरटी फाइल करने के लिए महंगाई भत्ते के घटक का होना आवश्यक है , जिसका हम उल्लेख भी कर सकते है.

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