यूजीसी की तरफ से एक बड़ी घोषणा की गई है जिससे एक साथ दो डिग्री करने की चाह रखने वाले छात्र लाभान्वित हो पाएंगे, बीते मंगलवार को ये घोषणा यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार द्वारा एक बैठक में की गई. घोषणा के संबंध में यूजीसी के चेयरमैन ने जानकारी दी कि अब छात्र एक साथ दो डिग्री ले सकते हैं लेकिन इसके लिए छात्रों द्नारा एक ही समय में चुने गए दो कार्यक्रम एक ही लेवल के होने चाहिए. जैसे केवल दो ग्रेजुएशन या दो पीजी या फिर दो डिप्लोमा डिग्री एक साथ ले सकते हैं.
क्या प्रक्रिया होगी दो डिग्री हासिल करने की
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दो डिग्री करने के तीन तरीके हैं, सबसे पहला तरीका यह कि छात्र अपने अकेडमी प्रोग्राम को फीजिकल मोड में आगे बढ़ा सकते हैं लेकिन एक क्लास का टाइम दूसरी क्लास के टाइम के साथ ओवरलैप नहीं करना चाहिए, दूसरा ये कि ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड में और तीसरा एक ऑनलाइन या डिस्टेंस और एक फीजिकल मोड में कर सकते हैं.
किन्हें नहीं मिल सकेगा इसका लाभ
यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि यह सुविधा उन छात्रों को ही मिल सकेगी जो यूजीसी से संबद्ध गैर-तकनीकी कोर्स ( non-technical courses ) कर रहे हैं, इसमें मेडिकल और इंजीनियरिंग कोर्स शामिल नहीं किए गए हैं.
दो डिग्री करने की कंडीशन, दोनों कॉलेज हो पास
यूजीसी के चेयरमैन ने कहा कि अगर कोई छात्र किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज से भौतिक मोड में कोर्स कर रहा है तो छात्र को ईवनिंग कोर्स के तौर पर किसी पास के यूनिवर्सिटी कॉलेज में उसी लेवल का प्रोग्राम करने का मौका मिलेगा. दो यूनिवर्सिटी या कॉलेज एक दूसरे के पास होने चाहिए. अलग-अलग शहरों में मौजूद दो यूनिवर्सिटी से ऑफलाइन मोड में दो प्रोग्राम को आगे बढ़ाना संभव नहीं है.
चेयरमैन कुमार का कहना है कि यह न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत फैसला लिया गया है. इसकी मदद से छात्र कई तरह के कौशल क्षेत्र में निपुण होकर अपना भविष्य बना सकेंगे, इस योजना के जरिए एक साथ दो डिग्री करने की चाह रखने वाले छात्र लाभान्वित हो पाएंगे.
इस फैसले पर पहले भी आयोग ने 2012 में विचार के लिए अध्ययन कमिटी का गठन कर गहन विचार-विमर्श किया गया था पर बाद में इसपर कुछ फैसला नहीं लिया जा सका इस योजना का लाभ लेने की छात्र को संस्थान के एडमीशन प्रोसेस का पालन करना अनिवार्य होगा.
यूजीसी चेयरमैन ने बतााया कि अगर किसी यूनिवर्सिटी में CUET ( common university entrance test ) बैठना अनिवार्य है तो छात्र को प्रवेश परीक्षा देनी होगी.
दिशानिर्देशों को अपनाना अनिवार्य नहीं
कुमार ने बताया कि किसी विश्वविद्यालय या किसी परिषद के लिए इन दिशानिर्देशों को अपनाना अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन आयोग को उम्मीद है कि अधिक से अधिक संस्थान छात्रों को दो डिग्री पाठ्यक्रमों में एक साथ पढ़ाई की अनुमति देंगे. कुमार ने बताया ‘पहले डायरेक्शन संस्थानों और वैधानिक यूनिट को भेजे जाएंगे, इसके बाद संस्थान स्वतंत्र होंगे, प्रवेश के नियम और एलीजिबिलीटी संस्थान खुद तय करेंगे