देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक घोषणा की है और इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक एक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा और यह वित्तीय वर्ष 2023 से शुरू होने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों पर आधारित होगा.
जैसा कि बजट 2023 में बताया गया कि केंद्रीय बैंक के द्वारा जारी किये जाने वाला आरबीआई डिजिटल रुपये के उपयोग के परिणामस्वरूप यह अधिक कुशल और लागत प्रभावी मुद्रा प्रबंधन होगा. जिसका फायदा आम जनता असानी पूर्वक उठा सकती है.
ब्लॉकचेन तकनीक और अन्य तकनीकों के द्वारा आरबीआई जारी करेगा डिजिटल रुपया
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में इसकी घोषणा की है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की वित्तीय वर्ष 2023 में, भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय वर्ष 2023 में ब्लॉकचेन तकनीकों और अन्य तकनीकों के माध्यमों का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया जारी करेगा.
आइये जानते हैं इसकी रिलीज़ तारीख कब है.
बता दें की भारतीय रिजर्व बैंक कि वित्तीय वर्ष 2023 में ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक डिजिटल रुपया पेश करने की योजना है. वहीं मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के रूप में जानी जाने वाली डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को शुरु करने की योजना बनाई है.
इस बजट सत्र में सीतारमण ने अपने बजट संबोधन में कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शुरूआत से डिजिटली अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा . इसके अलावा, डिजिटल मुद्रा का परिणाम और अधिक कुशल और लागत प्रभावी मुद्रा प्रबंधन प्रणाली होगा. भारतीय रिजर्व बैंक इस प्रकार साल 2023 में शुरू होने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया विकसित करने का प्रस्ताव भी परित कर रहा है,
आरबीआई के डिजिटल रुपये का होगा सुरक्षा और प्रभावशीलता मूल्यांकन
केंद्रीय बैंक ने घोषणा करने के बाद कहा की वह डिजिटल रुपये की सुरक्षा और प्रभावशीलता का मूल्यांकन कर रहा है. और साथ ही जानकारी देते हुए बताया की दिसंबर में केंद्रीय बैंक दो तरह के CBDC स्थापित करने की योजना बना रहा है.
आरबीआई डिजिटल रुपया
जानकारी के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंता व्यक्त की है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर है, और साथ ही दावा करते हुए कहा की इससे वित्तीय अस्थिरता हो सकती है. वहीं सरकार के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रशासन क्रिप्टोकरेंसी कानून के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपना सकता है.
जानकारी के लिए बता दें की डिजिटली रुपये का अनावरण भारत सरकार की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की स्वीकृति को प्रदर्शित करता है. जबकि निजी क्रिप्टोकरेंसी की नियति अभी भी अज्ञात है. आरबीआई के द्वारा जारी डिजिटल रुपया मुद्रा को प्रशासन एक नए समय में शुरुआत करेगा. बता दें की यह चीन और इंग्लैंड जैसे अन्य देशों के अनुरूप है.
वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन सहित विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने डिजिटल मुद्रा अपनाने की सुविधा के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा का विस्तार करना शुरू कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ब्लॉकचेन तकनीक और अन्य उपकरणों के माध्यमों का उपयोग करके 2023 तक डिजिटली रुपया जारी कर सकता है. जिसससे अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा, निर्मला सीतारमण के बजट 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही मंजूरी दे दी थी और निर्मला सीतारमण के अनुसार, सरकार ने डिजिटल संपत्ति पर 30% कर लगाने का भी फैसला किया है, जो देश में सबसे अधिक कर की दर है.
भारत में लगभग 15 मिलियन से 20 मिलियन क्रिप्टोकरेंसी निवेशक होने का अनुमान है. इसके अलावा, लगभग 40,000 करोड़ रुपये की कुल क्रिप्टो संपत्ति मूल्य के साथ भारतीय क्रिप्टो बाजार आधिकारिक तौर पर विनियमित नहीं हैं.
कुछ महीनों के लिए, केन्द्र सरकार ने सख्त डिजिटल मुद्रा के नियमों पर विचार-विमर्श किया है. जिसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में “गंभीर चिंता” व्यक्त की है और उनका दावा है कि वे वित्तीय अस्थिरता पैदा कर सकता है.