Income Tax Slabs and Rates 2023: क्या इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाएगा? जानिये यहां

इनकम टैक्स स्लैब और दरों में बदलाव को देखते हुए उद्योग व्यापार समिति के पदाधिकारियों की बैठक आयोजिक की गई. जिसमें सभी व्यापारियों ने 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट पर कुछ जरुरी बातें  चर्चा कर साझा की गईं. आपको बता दें की इस बजट  को देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी. जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री करदाताओं को बड़ी राहत देने की भी घोषणा कर सकती हैं. जहां अपेक्षित राहत में मूल में छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना भी शामिल है.

वहीं इस साल 2023 के बजट को देखते हुए व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त  मंत्री से टैक्स और स्लैब की दरों में बदलाव लाने की मांग की है और व्यापारियों ने कहा कि अगर इनकी दरों में बदलाव हुआ तो उनका कारोबार पुन: पटरी पर आएगा जिससे आम लोगों को राहत मिल सकती है.

Income Tax Slabs and Rates 2023: क्या इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाएगा? जानिये यहां

वहीं इस पूरी जानकारी को देखते हुऐ एफएएम के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र गोयनका ने बयान दिया है कि उद्योग पर आयकर की ऊपरी सीमा 25 प्रतिशत रहेगी और इसके आधार पर ही साझेदारी प्रपत्रों व व्यक्तियों से आयकर की अधिकतम दर की सीमा 25 प्रतिशत होनी जरुरी है.

बता दें कि वाराणसी में ऑटोमोबाइल डीलर्स  के  उपाध्यक्ष  ने दोपहिया वाहनों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है और इसके साथ ही वेतनभोगी कर्मचारियों की तरह 60 साल से ज्यादा की आयु के व्यापारियों को सेवानिवृत्ति होना के बाद पेंशन और  स्वास्थ्य सुविधाओं में छूट देने की भी मांग की है.

Budget 2023 { Live Updates }

हर साल सभी क्षेत्रों के लोगों और आम जनता में बजट को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिलती है और ऐसी उपेक्षा लगाई जाती है की हर साल के बजट में इनकम टैक्स की दरों और स्लैब की समीक्षा की जाए और जो की भी जाती है. लेकिन हर साल इसमें ज्यादा कोई फर्क नजर नहीं आता. वहीं गौरतलब है की 2014 के बाद से आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है औऱ इस साल के बजट में देखना ये होगा कि इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किस तरह का बदलाव करेंगी.

अगर मूल व्यक्तिगत कर छूट की बात की जाएं तो इसके कर की छूट की सीमा को आखिरी बार 2014 में संशोधित किया था और तब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का ये पहला बजट था. जिसमें तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था और साथ ही वरिष्ठ जनों  के लिए छूट की सीमा  को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था. तभी से लेकर अभी तक मूल छूट की सीमा में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

गौरतलब है की केन्द्रिय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानि 1 फरवरी 2023 को इस साल का बजट पेश करने वाली हैं. जिसे देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस साल के बजट में वित्त मंत्री करदाताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा कर सकती हैं. वहीं कुछ विश्लेषकों के अनुसार बुनियादी छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है और साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे वर्तमान 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने की संभावना जताई जा रही है. 

वहीं अगर आय स्लैब कि बात की जाएं तो मौजूदा  स्लैब को 15 लाख रुपये से संशोधित किए जाने की भी संभावनाएं है और अभी हाल ही में केपीएमजी के हितधारकों के बीच बजट पेश होने से पहले किये गए सर्वेक्षण के बाद ज्यादातर उत्तरदाताओं की मूल आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये में बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है. 

 प्राप्त जानकारी के अनुसार  वित्त मंत्री सीतारमण ने टैक्स स्लैब और दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, हालांकि उन्होंने  साल 2020 के बजट में एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी,  जिसमें नई कर व्यवस्था के तहत, कर छूट और कटौती को छोड़ने के लिए इच्छुक लोगों के लिए कर दरों को कम किया गया था.

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