दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना 2023, Pandit Dindayal Yojana online ragistration, जानिए क्या है पात्रता और मुख्य दस्तावेज?
देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए भारत सरकार कई तरह की योजनाए ला रही है, जिससे की देश में बेरोजगारी का स्तर कम हो सके. ऐसे में अभी हम आज के इस आर्टिकल के माध्यम से बात करने जा रहे है एक योजना की जिसको भारत सरकार ने देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी और अपराध को देखते हुए शुरू की है. दोस्तों केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना का नाम है- ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना’.
इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा बेरोजगार लोगों को रोजगार मुहैया कराने की शुरुआत की गयी है. इसमें कई प्रकार की कौशल प्रशिक्षण शुरू किये जायेंगे इसके तहत इन युवाओं को ट्रेनिंग देकर इन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी विस्तार से देने जा रहे है इसके लिए आपको हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ने की ज़रूरत है.
जानिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के बारे में-
सरकार द्वारा Pandit Dindayal Yojana 2023 को बेरोजगार युवाओ के लिए शुरू की गयी है. इसमें युवा शक्ति का सदुपयोग करना है. इस योजना के तहत युवाओ को उनके हिसाब से एक ट्रेनिंग प्रशिक्षण दी जाएगी इसमें जब आप यह ट्रेनिंग पूरी हो जाती है तो वह अपने काम में एक दम परफेक्ट हो जाते हैं तो उन्हें नौकरी मुहैया कराई जाती है.
वही इस ट्रेनिंग में उन्हें एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा. यह सर्टिफिकेट उन्हें भविष्य में काफी काम में आएगा. इस योजना को लाने के बाद देश में बेरोजगारी का स्तर कम होगा. इसके साथ ही देश तरक्की करेगा.
मूल्यांकन
Pandit Dindayal Yojana 2023 के अंतर्गत जब अधिकारियो द्वारा प्लेसमेंट प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया तो उसमे यह पाया गया कि इस योजना के अंतर्गत प्लेसमेंट का प्रदर्शन खराब है. वही यह मूल्यांकन कर्नाटका इवैल्यूएशन अथॉरिटी के द्वारा किया गया है,हम आपको बताने जा रहे है उन मुख्य बातो के बारे में जो मूल्यांकन में सामने आई हैं.
- पहला तथ्य यह है की सरकार द्वारा 2014–15 से 2018–19 तक का मूल्यांकन किया गया है.
- ऐसे में प्लेसमेंट की दर 36.68% है.
- इसमें योजना का लाभ सबसे ज्यादा ग्रेजुएट लोगो को मिल रहा है.
- कर्नाटका इवैल्यूएशन अथॉरिटी के द्वारा 2687 लोगों पर सर्वेक्षण किया गया इनमे से 40% ग्रैजुएट्स थे.
- वही एक बात यह भी सामने आयी की लोगो को रोजगार मिलने के बाद कई ने ज्वाइन किया इसके साथ कई लोगो ने वेतन कम होने की वजह से इस्तीफा दे दिया.
- दीनदयाल उपाध्याय कौशल्य ग्रामीण योजना के अंतर्गत औसदान मासिक वेतन 8136.45 रुपये है.
प्रशिक्षण कार्यक्रम
दोस्तों आपको बता दे कि Pandit Dindayal Yojana 2023 को शुरू करने के बाद से सरकार द्वारा 18 दिसंबर 2020 से प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ कर दिया गया है. वही ऐसे लोगो को प्रशिक्ष्ण दिया जा रहा है जो शिक्षित होने के साथ ही बेरोजगार है. इससे प्रशिक्षण लेने के बाद उन्हें एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा जिससे उन्हें प्लेसमेंट में भी भेजा जायेगा और नौकरिया प्रदान कि जाएगी.
अब तक ट्रिडेंट ग्रुप ने 1500 उम्मीदवारों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया है. वही इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों को आवास, कपड़े और भोजन की सुविधा दी जाती है. इसके लिए उन्हें खाने के लिए मेज़ और रहने के लिए हॉस्टल दिया जाता है. बता दे कि इस प्रशिक्षण के अंतर्गत कवर किए जाने वाले क्षेत्र के बारे में जिनमे निम्न शामिल है- अपारेल और टेक्सटाइल.
जानिए हिमायत फ्री प्लेसमेंट लिंग स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में-
आइये बात करते है हिमायत फ्री प्लेसमेंट लिंक स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे इस प्रोग्राम में सिर्फ जम्मू कश्मीर के नागरिकों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है. यह भी दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत आने वाला ही एक तरह का प्रशिक्षण है. इस प्रोग्राम को शुरू करने पर यह के लोगो को प्रशिक्षण देने के बाद रोजगार प्रदान करने में मदद करेगा. इस प्रशिक्ष्ण को लेने के बाद यहाँ के लोग आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकते है.
इससे जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की दर में गिरावट आएगी. यह प्रशिक्षण राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओ के लिए काफी लाभकारी है. इनमे वह दोनो लोगो को रोजगार मिलेगा जिन्होंने बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ दी है या फिर जिनके पास कोई रोजगार नहीं है. वही इसके साथ ही प्रशिक्षण के दौरान जो भी इसमें शामिल है उन्हें भत्ता भी दिया जायेगा. इसमें रहने खाने और आने जाने के लिए कुछ निर्धारित राशि दी जाएगी. इसके साथ ही इन्हे स्टेशनरी का सामान भी उपलब्ध कराया जायेगा.
दोस्तों इस योजना के अंतर्गत दिए जा रहे प्रशिक्ष्ण में युवाओ को कई लाभ मिलेंगे इसमें ज़रूरी जानकारी के साथ ही सॉफ्ट स्किल, अंग्रेजी भाषा और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी स्किल की सिखाई जाएगी. फिर जैसे ही यह प्रशिक्षण प्रोग्राम खत्म हो जायेगा नागरिको को प्लेसमेंट के ज़रिये रोजगार प्रदान किया जायेगा. वही राज्य के युवा इससे काफी खुश है और उन्होंने इस योजना की तारीफ़ करते हुए कहा की इस तरह की योजनाओ के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण प्रोग्राम देश के हर राज्य में होने चाहिए जिससे सभी को लाभ मिले और वह अपना जीवन यापन आसानी से कर सकते है .
उद्देश्य
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना को लाने के पीछे सरकार का उद्देश्य कम पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओ को रोजगार प्रदान करना है. इसके तहत उन्हें ट्रेनिंग देकर इस लायक बनाना है कि वह अपने काम में माहिर होकर खुद के पैरों पर खड़े हो सकते है, इसमें बेरोजगारी दूर होगी और देश की तरक्की भी होगी. वही दोस्तों इसके मुख्य उद्देश्य की बात करते है इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओ को रोजगार प्रदान कर के उन्हें प्रोत्साहित करना है.
इसमें सबसे पहले गरीब ग्रामीण युवाओं की पहचान करना है इसके बाद ऐसे युवाओ को जुटाना है जो रोजगार पाने के अवसर ढूंढ रहे है. इसमें सबसे पहले अभिभावकों कि काउंसिलिंग कि जाएगी. इसके बाद योग्यता के आधार पर उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके साथ ही उन्हें रहने खाने की व्यवस्था की जाती है.
HIGHLIGHTS : दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जायेगा.
- वही प्रशिक्षण के बाद एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा जोकि पूरे देश में मान्य होगा.
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा अलग-अलग राज्यों में प्रशिक्षण केंद्र बनाए जायेंगे.
- वही इस योजना के तहत 200 ज्यादा अलग-अलग कामों को शामिल किया गया है.
- अलग अलग काम में नागरिक अपनी रुचि के हिसाब से ट्रेनिंग ले सकते है.
- देश में बेरोजगारी का स्तर कम होगा.
update
साल 2020–21 के दौरान इस योजना के अंतर्गत 28687 लाभार्थियों को ट्रेनिंग प्रदान की गई थी इसके साथ ही 49396 उम्मीदवारों को 31 मार्च 2021 तक प्लेसमेंट प्रदान कर दी गई है. इस योजना की शुरुआत होने की तिथि से 31 मार्च 2021 तक लगभग 10.81 लाख उम्मीदवारों को 56 सेक्टर एवं 600 ट्रेड में ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है और 6.92 लाख उम्मीदवारों को प्लेसमेंट प्रदान किये जा चुके है. इस योजना के अंतर्गत 2198 ट्रेनिंग सेंटर 1822 प्रोजेक्ट है, 56 सेक्टरों में 839 प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसीज ट्रेनिंग प्रदान कर रही है और 600 से ज्यादा जॉब रोल है
दीनदयाल उपाध्याय कौशल योजना के ज़रूरी दस्तावेज-
- आवेदक का आधार कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- आयु प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- स्थाई निवासी प्रमाण पत्र
- तीन पासपोर्ट साइज फोटो
जानिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने प्रक्रिया के बारे में-
- इसमें आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है.
- अब आपको होम पेज में न्यू रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर क्लिक करना है.
- अब आपको एक आवेदन फॉर्म दिखाई देगा, इसमें आपको फोन नंबर लिखने का ऑप्शन दिखाई देगा इस पर आपको अपना रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर दर्ज करना है.
- इसके बाद इसमें पूछी गयी सभी जानकारियों को ध्यान से पढ़कर भरना है.
- अब आपको इस फॉर्म में ज़रूरी दस्तावेज स्कैन करके लगाना होगा.
- इन सब को भरने के बाद आपको सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करना है.
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Pandit Dindayal Yojana क्या है ?
यह सरकार द्वारा शुरू की गयी वह योजना है जिसमे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्ष्ण देकर उन्हें रोजगार प्रदान किया जायेगा.
इस योजना के अंतर्गत कैसे लाभ ले सकते है ?
इस योजना में आप अपनी रूचि के हिसाब से ट्रेनिंग ले सकते है और जब आप उस काम में परफेक्ट हो जायेंगे तो आपको एक सर्टिफिकेट किया जायेगा जोकि पूरे भारत में मान्य होगा. इसके बाद आपकप प्लेसमेंट के ज़रिये रोजगार प्रदान किया जायेगा.
इस योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन कर सकते है ?
इसमें आवेदन करने की हमने आपको पूरी प्रक्रिया अपने इस आर्टिकल में बताई है, आप वहां जाकर पढ़ सकते है.
Pandit Dindayal Yojana के अंतर्गत प्रशिक्षण लेने के लिए कितने पैसे देने होंगे?
जी नहीं आपको किसी भी तरह का शुल्क देने की ज़रूरत नहीं है , सरकार की तरह से यह एक दम निशुल्क रहेगा इसमें आपको रहने, खाने और यात्रा भत्ता भी दिया जायेगा.
योजना के अंतर्गत शामिल कदम
- रोजगार के अवसर के बारे में ग्रामीण समुदाय के भीतर जागरूकता बढ़ाना.
- गरीब ग्रामीण युवाओं की पहचान करना.
- रोजगार पाने के अवसर ढूंढने वाले ग्रामीण युवाओं को जुटाना.
- गरीब युवाओं और उनके माता-पिता की काउंसिलिंग.
- योग्यता के आधार पर कुशलता विकसित करने के लिए युवाओं का चयन
- रोजगार के अवसर के हिसाब से ज्ञान, उद्योग से जुड़े कौशल और विजन उपलब्ध कराना.
- ऐसी नौकरी देना जिनका सत्यापन स्वतंत्र तरीके से किया जा सके.